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स्टाम्प ड्यूटी एवं रजिस्ट्री चार्ज | jamin kaise likhwaye | जमीन रजिस्ट्री के नियम | रजिस्ट्री कैसे होती है |
जमीन की रजिस्ट्री करने की प्रक्रिया एवं खेत, प्लॉट, घर, प्रॉपर्टी, जमीन की रजिस्ट्री करवाने की प्रक्रिया क्या है? हम आपको इस आर्टिकल में जमीन की रजिस्ट्री संबंधित सारी जानकारी देंगे। अगर आप कहीं पर कोई भूमि या जमीन या कोई प्लॉट, खेत या कोई भी प्रॉपर्टी लेना चाह रहे हैं। तो आपको उसे खरीदने के लिए उस भूमि का मालिकाना हक पाने के लिए रजिस्ट्री करना आवश्यक है। जब हम किसी भी व्यक्ति से जो भूमि का मालिक है उससे भूमि खरीद कर अपने नाम दर्ज करने के लिए जो भी कागजी कार्यवाही होती है। उसे रजिस्ट्री कहा जाता है या भूमि का रजिस्ट्रेशन कह सकते हैं।
अकेले कोई घर जमीन या कोई प्लॉट लेना आज हर व्यक्ति का सपना है। कोई भी व्यक्ति अपने जीवन भर की कमाई जमीन लेने में लगाता है। आपको जमीन खरीदने से पहले जमीन की पूरी जांच करना भी बहुत जरूरी है। जो भी व्यक्ति जमीन को बेच रहा है, या जिसके नाम से जमीन हमारे नाम पर रजिस्ट्री होनी है। जमीन उसी के नाम है या नहीं, यह चेक करना भी आवश्यक है। जमीन खरीदने के बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया होती है। हम इस आर्टिकल में आपको रजिस्ट्री की पूरी जानकारी देंगे। रजिस्ट्री का प्रोसेस स्टेप बाय स्टेप आपको समझाएंगे। ताकि रजिस्ट्री करने में कोई गलती ना ना हो। और आप बड़े नुकसान से बच सकें।
किसी भी प्लॉट, घर, जमीन या खेत की रजिस्ट्री की प्रक्रिया
जमीन खरीदने से पहले उसके कागजों को यह स्टांप को तैयार करने की प्रक्रिया हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे। हम आपको क्रमांक अनुसार बताएंगे कि आप को रजिस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण कागजात एवं रजिस्ट्री से पहले क्या-क्या तैयारी करनी होती है।
जमीन का सरकारी रेट एवं बाजार भाव की जानकारी
आप जो भी जमीन या खेत या प्लॉट खरीद रहे हैं। सबसे पहले हमें बाजार मूल्य (market rate) क्या है पता करना हैं। और उस जमीन का सरकारी रेट भी पता करना है। क्योंकि सरकारी रेट के अनुसार ही रजिस्ट्री में स्टांप शुल्क लगेगा। जमीन के सरकारी वैल्यू के अनुसार ही जमीन के कागजात तैयार होंगे। स्टांप ड्यूटी के द्वारा हम सरकार को भूमि क्रय विक्रय का टैक्स देते हैं। स्टांप ड्यूटी हमें वर्तमान में चल रहे जमीन के सरकारी वैल्यू रेट अनुसार देना होता है। जमीन की सरकारी वैल्यू का आकलन अगर आपको पता हो तो जमीन की रजिस्ट्री में होने वाला खर्चा आप आसानी से निकाल सकते हैं। जमीन का सरकारी रेट तय करने का विभाग किसी भी राज्य का Revenue Department के अंतर्गत आता है। जमीन का सरकारी रेट हम किसी भी राज्य की राजस्व विभाग की आधिकारिक वेबसाइट द्वारा भी चेक कर सकते हैं।
स्टांप ड्यूटी खरीदें
जमीन का सरकारी वैल्यू रेट पता करने के बाद हमें जमीन के लिए निर्धारित स्टांप पेपर खरीदने हैं। जो कि हम जमीन खरीदना चाहते हैं उसके सरकारी वैल्यू के अनुसार तय किए जाते हैं। स्टांप खरीदने के लिए हमें स्टांप विक्रेता से संपर्क करना होगा। अब स्टांप खरीदना या बेचना ऑनलाइन उपलब्ध हो गया है। स्टांप पेपर खरीदने के लिए ऑनलाइन वेबसाइट भी सरकार द्वारा बनाई गई है। अब हमारी जमीन की सरकारी रेट की वैल्यू जितनी है उतने ही सरकारी वैल्यू के हिसाब से रेट लगेगा। अगर हम कोई जमीन या मकान खरीदना चाहते हैं। और माना उस का market value rate 25 lakh है। एवं उसका सरकारी रेट या जमीन का सर्किल रेट अनुसार 20 लाख रुपए है। तो हम 20 लाख रुपए के अनुसार ही स्टांप शुल्क देंगे एवं स्टांप पेपर खरीदेंगे।
अभी तक हमने जितने भी जमीन के मामलों का संज्ञान लिया है। उसमें यह ज्ञात हुआ है, की जमीन का सरकारी रेट या सर्किल रेट, जमीन के मार्केट रेट से कम ही पाया गया है।
जमीन को खरीदना (क्रय) एवं बेचना (विक्रय) करने के पेपर तैयार करवाने
जमीन के खरीदने के पेपर बनाने के लिए हमें किसी अच्छे वकील से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि जमीन के रजिस्ट्री में कहीं ऐसे कानूनी भाषाएं होती है। जिनकी जानकारी एक अच्छा वकील रखता है। जमीन खरीदने के पेपरों में प्रत्येक बात को लिखना होता है। जिससे जमीन संबंधी भविष्य में कोई भी समस्या ना हो। रजिस्ट्री के कागजों में जमीन का एड्रेस, जमीन की पैमाइश, जमीन कितनी है, एवं कितने गज की है, जमीन के चारों दिशाओं में किस-किस की भूमि है, ऐसी बहुत सी जानकारी का विवरण हमें रजिस्ट्री से पहले कागजों में ध्यान रखना होता है। यह सभी बातें रजिस्ट्री के कागजों में लिखनी होती है। जो कि एक वकील भली भांति जानता है।
जमीन का मूल्य खरीदने व बेचने का एवं जमीन को बेचने वाले की पूरी जानकारी और साथ ही ऐसे नियम जो भविष्य में होने वाली असुविधा ना हो सभी रजिस्ट्री के कागजों में इंगित होने चाहिए। रजिस्ट्री के पेपर कोई भी अच्छा वकील अच्छे ढंग से तैयार कर सकता है। तो आप किसी भी अच्छे वकील से संपर्क करके सुविधा पूर्ण ढंग से अपनी जमीन खरीदने के कागज तैयार कर सकते हैं। साथ ही इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि हम जिस व्यक्ति से जमीन खरीद रहे हैं उस व्यक्ति के नाम उस जमीन का दाखिल खारिज किया म्यूटेशन हुआ हो। कहने का मतलब है कि वह जमीन का मालिक हो।
रजिस्ट्री करने के लिए रजिस्टर ऑफिस में appointment लेना है
कोविड-19 से पहले के समय हमें रजिस्ट्री के लिए रजिस्टार ऑफिस में सीधा संपर्क करना होता था। लेकिन अब रजिस्टार ऑफिस में रजिस्ट्री के लिए अपॉइंटमेंट लेना होता है। पहले बहुत ज्यादा रजिस्ट्री प्रतिदिन होती थी। अब रजिस्टर के आदेश अनुसार व कोविड-19 की guideline के अनुसार पहले अपॉइंटमेंट लेना होता है। और अब पहले से प्रतिदिन होने वाली रजिस्ट्री की संख्या भी घटा दी गई है।
Registry के पेपर पूर्ण होने के बाद जमीन की रजिस्ट्री हेतु हमें रजिस्टार ऑफिस में जाना होता है। इसमें वे दोनों ही व्यक्ति का आना अनिवार्य है जो जमीन बेच रहा है एवं जो जमीन खरीद रहा है। उन्हें रजिस्ट्रार क समक्ष आना होता है। साथ ही दो गवाह भी रजिस्ट्रर के समक्ष प्रस्तुत होने चाहिए। रजिस्ट्री के लिए आवश्यक पर्सनल डॉक्यूमेंट निम्न है।
- पहचान पत्र– जमीन के क्रय विक्रय करने वाले दोनों व्यक्तियों का साथ ही साथ आने वाले गवाहों का भी जैसे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र आदि
- NOC- non objection certificatecertificate– जमीन से किसी प्रकार का कोई कर्ज नहीं लिया गया है इसकी एनओसी होना आवश्यक है।
- जमीन के कागजात– जमीन के खसरा खतौनी नकल या जमीन की फर्द की सत्यापित कॉपी
- Power of ATTORNEY– जमीन के मालिक का स्वयं उपस्थित ना होने पर अपनी जमीन की पावर of attorney जिस भी व्यक्ति के नाम की गई है। उसका व्यक्ति का उपस्थित होना साथ में पावर ऑफ अटॉर्नी डॉक्यूमेंट का भी होना अनिवार्य है।
- अगर प्रॉपर्टी किसी भी प्रकार का टैक्स भर्ती है। तो उसकी रसीद होना आवश्यक है।
- बैंक चेक– जमीन या प्लॉट खरीदने वाला क्रेता बैंक के चेक अपने साथ रखें। जिनके द्वारा प्रॉपर्टी का लेनदेन हुआ है। क्योंकि स्टांप पेपर में चेक नंबर सहित पूरा विवरण दिया जाता है।
इन सभी जमीन के कागजातों के बाद जब हम क्रेता और विक्रेता के साथ गवाहों को लेकर रजिस्टार के समक्ष जाते हैं। तो रजिस्ट्रार द्वारा सवाल पूछे जाते हैं। कहीं कोई किसी दबाव में कोई जमीन तो नहीं बेच रहा है। जमीन कितने में ली गई है। ऐसे ही कई प्रश्न रजिस्ट्रार द्वारा पूछे जाते हैं। फिर क्रेता और विक्रेता के हाथों के फिंगरप्रिंट आंखों का स्कैन आदि किया जाता है। यही प्रक्रिया गवाहों के साथ भी की जाती है। फिर क्रेता विक्रेता एवं गांव के हस्ताक्षर करवाए जाते हैं। और सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक रसीद रजिस्ट्री पूर्ण होने के बाद मिल जाती है। कैरसीद को बाद में ही रजिस्ट्री के कागज लेने के लिए उपयोग किया जाता है।
जमीन की रजिस्ट्री या प्रॉपर्टी के कागजात लेना
रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूर्ण होने के कुछ दिनों बाद निर्धारित समय में रजिस्ट्री के कागज रजिस्टार ऑफिस से लिए जाते हैं। register office मैं रसीद को दिखाकर रजिस्ट्री के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट लिए जाते हैं। रजिस्ट्री के लिए वकील की मदद लेने के बाद यह सारी प्रक्रिया वकील स्वयं ही कर लेते हैं। हमें हमेशा वकील के द्वारा ही रजिस्ट्री करवानी चाहिए। इससे बाद में होने वाली असुविधा से बचा जा सकता है।
जमीन के ऑनलाइन record एवं दाखिला खारिज या म्यूटेशन की प्रक्रिया
रजिस्टर ऑफिस द्वारा रजिस्ट्री मिलने के बाद दाखिला खारिज या म्यूटेशन के लिए आवेदन करना होता है। दाखिला खारिज का तात्पर्य पुराने जमीन के मालिक के नाम से खरीदने वाले के नाम दर्ज होना है। इसके लिए राजस्व विभाग द्वारा कुछ समय तय किया गया है। इस तरह समय के अंतर्गत ही राजस्व निरीक्षक जमीन के कागजों का निरीक्षण करेगा। उसके बाद जमीन बेचने वाले का नाम खारिज हो कर आपके नाम दाखिला खारिज चढ़ेगा। यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। जमीन आपके नाम जब तक नहीं होगी तब तक आप जमीन के मालिक नहीं कहलाएंगे। अलग-अलग राज्यों में इसके लिए कुछ समय निर्धारित किया गया है। जैसे उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में दाखिल खारिज के लिए 35 दिन का समय रखा गया है। दाखिला खारिज नाम पर होने को देखने के लिए आप ऑनलाइन जमीन की फर्द निकालकर चेक कर सकते हैं। कि आपके नाम जमीन हुई या नहीं।
जमीन की रजिस्ट्री संबंधी कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न;(FAQs)
1- जमीन का सरकारी रेट एवं मार्केट वैल्यू रेट को कैसे पता करें?
आप जिस सभी राज्य के निवासी हैं। और आप जहां भी जमीन खरीदना चाहते हैं। उस राज्य की राजस्व विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर govt land rate पर क्लिक करके आप जमीन का सरकारी एवं मार्केट value rate ऑनलाइन देख सकते हैं। प्रत्येक राज्य में राजस्व विभाग के भूलेख पोर्टल पर जमीन के सर्किल रेट का ब्यौरा दिया है। आप घर बैठे आसानी से चेक कर सकते हैं।
2- स्टांप पेपर लेने और रजिस्ट्री शुल्क एवं रजिस्ट्री में होने वाले खर्च का पता कैसे करें?
स्टांप पेपर की खरीद के लिए आपको स्टांप विक्रेता से संपर्क करना होगा। आप वकील से संपर्क करके भी स्टांप पेपर खरीद एवं रजिस्ट्री शुल्क की संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। राजस्व विभाग ने ने प्रत्येक जमीन के प्रत्येक क्षेत्र के लिए रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप पेपर शुल्क निर्धारित किए हैं। जो कि जमीन के भूमि विवरण अनुसार निर्धारित होते हैं। जैसे जमीन का क्षेत्रफल कितना है, जमीन का सर्किल रेट या सरकारी रेट क्या है, आदि ऐसी जानकारी द्वारा जमीन का रजिस्ट्री शुल्क एवं स्टांप शुल्क का पता कर सकते है।
3- जमीन किसके नाम है एवं जमीन का मालिक कौन है कैसे पता करें?
जब हम किसी भी जमीन को खरीदते हैं। तो सबसे पहले हमें जमीन के मालिक याद भूमि स्वामी के नाम कागज चेक करना आवश्यक होता है। जो आपको जमीन बेच रहा है। उसके नाम में जमीन है या नहीं यह जानना सबसे जरूरी है। जमीन किसके नाम पर है इस जानकारी के लिए आपको जिस भी राज्य में आप जमीन का विवरण चाहते हैं। उस राज्य की भूले की अधिकारिक वेबसाइट को ओपन करके जमीन संबंधित सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जैसे जमीन किसके नाम है, जमीन का क्षेत्रफल या जमीन कितनी है, जमीन का खाता संख्या खसरा नंबर क्या है एवं जमीन पर कोई लोन तो नहीं लिया गया है ऐसी सभी जानकारी आप भूलेख पोर्टल से प्राप्त कर सकते हैं।
4- रजिस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज क्या-क्या चाहिए?
जब भी हम किसी जमीन को खरीदते हैं तो उसकी रजिस्ट्री के लिए हमें आवश्यक दस्तावेज चाहिए होते हैं। वह आवश्यक दस्तावेज अलग-अलग स्थिति में अलग अलग हो सकते हैं। वे दस्तावेज है-
- पहचान पत्र- जैसे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र या वोटर आईडी आदि
- NOC- non objection certificatecertificate- जमीन से किसी प्रकार का कोई लोन तो नहीं लिया। या जमीन किसी बैंक के पास बंधक तो नहीं है।
- जमीन के कागजात- जमीन की जमाबंदी नकल या जमीन की फर्द की सत्यापित कॉपी
- Power of ATTORNEY- जमीन के मालिक का स्वयं उपस्थित ना होने पर अपनी जमीन की पावर of attorney जिस भी व्यक्ति के नाम की गई है। उसका व्यक्ति का उपस्थित होना साथ में पावर ऑफ अटॉर्नी डॉक्यूमेंट का भी होना अनिवार्य है।
- Property tax की स्लिप अगर क्रेता प्रॉपर्टी का टेक्स भरता है। तो उसकी रसीद चाहिए होगी।
ऊपर दिया गया आर्टिकल में हमने आपको जमीन की रजिस्ट्री संबंधित सारी जानकारी देने की कोशिश की है। आपको खेत, प्लॉट, भवन या घर या किसी भी जमीन की रजिस्ट्री के लिए पूरी जानकारी मिल गई हो ऐसी हम आशा करते हैं। फिर भी आपके मन में रजिस्ट्री संबंधी किसी भी प्रकार का कोई प्रश्न है। तो आप हमें इस आर्टिकल के नीचे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। हम आपकी पूरी सहायता करेंगे।